रायपुर। एंटी करप्शन ब्यूरो ने छत्तीसगढ़ में चार जगहों पर भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायतों पर कार्रवाई की। पांच आरोपित रिश्वत की रकम लेते रंगे हाथ पकड़े गए। इनमें कोंडागांव में जल संसाधन विभाग के ईई टीआर मेश्राम, बिलासपुर में राजस्व विभाग की भू अर्जन शाखा के आरआइ संतोष देवांगन व रायगढ़ में घरघोड़ा के डिप्टी रेंजर मिलन भगत, अंबिकापुर से सहायक संचालक बालकृष्ण चौहान व मानचित्रकार नीलेश्वर कुमार ध्रुव शामिल हैं।
कोंडागांव में ठेकेदार तुषार देवांगन की शिकायत पर एसीबी ने जाल बिछाया। कार्यपालन अभियंता टीआर मेश्राम को रंगे हाथ 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा। मेश्राम ने माकड़ी ब्लाक के ओटेंडा में एनीकट के कार्य की समय सीमा बढ़ाने के लिए सात लाख रुपये मांगे थे। मेश्राम को कोंडागांव की विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
नगर व ग्राम निवेश कार्यालय में एसीबी ने सहायक संचालक बालकृष्ण चौहान और मानचित्रकार नीलेश्वर कुमार ध्रुव को 35 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। शिकायतकर्ता मोमिनपुरा निवासी वसीम बारी से उसके रिश्तेदार की भूमि उपयोगिता का अनापत्ति प्रमाण पत्र देने के नाम पर रिश्वत मांगी थी। दोनों को निलंबित कर दिया गया है।
डिप्टी रेंजर घरघोड़ा रेंज मिलन भगत ने जंगली मुर्गे के शिकार के आरोपित जगमोहन मांझी से तीन हजार रुपये लिए थे पांच हजार की और मांग कर रहा था। मामले की शिकायत एसीबी बिलासपुर से की गई थी। टीम ने पांच हजार रुपए लेते हुए आरोपित डिप्टी रेंजर मिलन भगत को रंगे हाथों पकड़ा। आरोपित डिप्टी रेंजर को गिरफ्तार कर उसके विरुद्ध धारा 7 पीसीएक्ट 1988 के प्रविधान के तहत कार्रवाई की जा रही है।
बिलासपुर में एसीबी की टीम ने तहसील कार्यालय में आरआइ संतोष देवांगन को किसान से काम के एवज में एक लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा। जूना बिलासपुर निवासी संतोष देवांगन की मौजूदा पोस्टिंग फिलहाल भूअर्जन शाखा में है। एसीबी को शिकायत मिली थी मुआवजे से संबंधित प्रकरण के लिए संतोष देवांगन किसान से रुपये मांग रहा था। एसीबी की टीम ने जाल बिछाकर आरोपित को कार्यालय से ही रिश्वत की रकम के साथ पकड़ लिया।