बिलासपुर। द्रोणिका व चक्रवाती परिसंचरण के असर से शहर व संभाग समेत प्रदेशभर में मौसम बदला हुआ था। मंगलवार को भी दोपहर में तेज हवाएं चलीं। लेकिन, तापमान में एक दिन पहले के मुकाबले 0.6 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ गया। इससे माना जा रहा है कि अब तापमान एक बार फिर धीरे-धीरे ही सही, बढ़ने लगेगा।
मौसम वेधशाला के विज्ञानी डा.एचपी चंद्रा के मुताबिक एक ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण पश्चिम विदर्भ के उपर 0.9 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। प्रदेश में 15 मई को एक दो स्थानों पर हल्की वर्षा होने या गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश में एक दो स्थानों पर गरज चमक के साथ अंधड़ चलने तथा वज्रपात होने के भी आसार हैं। इन सबके बीच अब अधिकतम तापमान में वृद्धि का दौर प्रारंभ होने की संभावना बन रही है। इसका संकेत शहर में मंगलवार को दर्ज अधिकतम तापमान से लगाया जा सकता है।
इससे पहले सप्ताहभर पहले तक भीषण गर्मी का दौर चला था। शहर का अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के पार हो चुका था। आशंका जताई जा रही थी कि कुछ ही दिनों में तापमान के कई रिकार्ड टूट जाएंगे। इसी बीच मौसम में बदलाव आ गया। द्रोणिका व चक्रवाती परिसंचरण के बीच बादल छाने लगे और तीन दिन पहले रिमझिम वर्षा भी हुई। साथ ही तेज अंधड़ चली। इसके बाद लगातार दिनों में अंधड़ चलने के साथ ही हल्के बादल छा रहे हैं। इससे बढ़ते तापमान पर रोक लग गई है।
रविवार को ही शहर का अधिकतम तापमान 40.6 डिग्री दर्ज किया गया था। सोमवार को अधिकतम तापमान 39.4 डिग्री सेल्सियस तक ही बढ़ पाया। इससे शहरवासियों ने भी राहत महसूस की थी। फिर मंगलवार को एक बार फिर तापमान बढ़ गया और पारा एक बार फिर 40 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया।
मई के महीने में पड़ने वाली भीषण गर्मी पर द्रोणिका व चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण के असर ने ग्रहण लगा दिया था। अब नमी घटने लगी है और सिस्टम भी कमजोर पड़ने लगा है। यही वजह है कि बुधवार को तापमान में और बढ़ोतरी की संभावना मौसम विज्ञानियों ने जताई है। वहीं इसके बाद आने वाले दिनों में भी पारा चढ़ेगा, जिससे एक बार फिर भीषण गर्मी का दौर शुरू हो जाएगा।