भोपाल | लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का चुनाव प्रचार थमने के ठीक पहले प्रदेश में बड़ा राजनीतिक उलटफेर हो गया। बीना की कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे ने भाजपा की सदस्यता ले ली। सब कुछ इतना गोपनीय तरीके से हुआ कि सागर लोकसभा सीट पर राहतगढ़ में आयोजित मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सभा शुरू होने तक मंच पर मौजूद भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं को भी इसकी भनक नहीं लगी। निर्मला सप्रे सागर जिले की आठ विधानसभा में एकमात्र कांग्रेसी विधायक थीं। इनके जाने से पूरा लोकसभा क्षेत्र भाजपामय हो गया। चलते चुनाव में वे तीसरी विधायक हैं, जो कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुई हैं।
विधायक निर्मला सप्रे के भवन में ही कांग्रेस का चुनाव कार्यालय था। वे सुबह-शाम बैठकों व क्षेत्र में प्रचार पर भी जा रहीं थीं। एक सप्ताह से भाजपा के संपर्क में भी थीं, पर कोई भी कांग्रेसी ये नहीं भांप पाया। सप्रे को भाजपा में शामिल कराने में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की अहम भूमिका बताई गई। आनन-फानन में कांग्रेस कार्यालय से सामान दूसरी जगह शिट किया। वोटिंग से ठीक पहले पाला बदलने से बीना विधानसभा में कांग्रेस के बूथ मैनेजमेंट के प्रभावित होने की आशंका है।
राहुल के कारण भाजपा दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति कर रही
सीएम डॉ. यादव ने सभा में कहा कि लोकसभा चुनाव परिणाम आने पर कांग्रेस पार्टी टैंपो की सवारी के बराबर रह जाएगी। 2019 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी एक बस की सवारी के बराबर थी और अब टैंपो की सवारी के बराबर बचेगी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के कारण भाजपा दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ रही है। 2014 में जब से राहुल गांधी को कांग्रेस ने लॉन्च किया, तब से कांग्रेस का पतन हो रहा है।