



जगदलपुर। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन में उपाध्यक्ष आदिवासी नेत्री लता उसेंडी का राजनीति में आना भी एक संयोग था। वह 1998 में भाजपा मंडल कोंडागांव की मंत्री बनाई गई और एक साल बाद ही पार्षद निर्वाचित हो गई। भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष बनने के बाद 2003 में लता को कोंडागांव से विधायक बनने का मौका मिला। 2008 में लगातार दूसरी बार विधायक और मंत्री भी बनी। उनका मानना है कि कांग्रेस ने तुष्टीकरण और जात पांत की राजनीति कर देश को नुकसान पहुंचाया। गरीबी हटाओ का नारा दिया, यदि उसी समय विकसित भारत का नारा दिया होता तो भारत आज विकसित राष्ट्र होता। नईदुनिया जगदलपुर ब्यूरो के सीनियर रिपोर्टर विनोद सिंह ने लता उसेंडी से विशेष बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश़…।
सवाल- छत्तीसगढ़ के बस्तर से आपको पार्टी ने आपको राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है। इसे किस तरह देखती हैं?
जवाब- भाजपा में कार्यकर्ता रीढ़ होते हैं। संगठन के काम करने की अपनी रीति-नीति है। कार्यकर्ताओं पर संगठन की पूरी नजर रहती है। कार्यकर्ताओं का दायित्व पार्टी तय करती है। चुनाव लड़ाने से लेकर संगठन में काम करने तक की जिम्मेदारी मिल बैठकर तय की जाती है। मुझ जैसे एक सामान्य कार्यकर्ता को पार्टी ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का दायित्व दिया है। मैं पद की जिम्मेदारी को समझती हूं और पार्टी के विश्वास पर खरा उतरने का पूरा प्रयास कर रही हूं।
सवाल- प्रधानमंत्री मोदी ने महिला सशक्तीकरण के लिए कौन से काम किए हैं, जिन्हें आप महत्वपूर्ण मानती हैं?
जवाब- महिलाओं को राजनीति में अधिकाधिक अवसर देने महिला आरक्षण बिल संसद में पास कराया गया। अब महिलाओं को विधायक, सांसद बनने के लिए राजनीतिक दलों की कृपा के लिए मुंह नहीं ताकना होगा। महिलाएं आर्थिक रूप से सक्षम बनें, इसके लिए कई शासकीय योजनाएं प्रारंभ की गई हैं। एक साथ तीन तलाक की प्रथा पर रोक लगाने कानून बनाने की क्या कोई दल सोच सकता था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने कानून बनाया। पहली बार राष्ट्रपति पद पर एक आदिवासी महिला को पहुंचाने का काम भी इसी सरकार ने किया। इससे महिलाएं गौरवांवित है।