



नई दिल्ली। भारत के लोगों द्वारा पर्यटन के लिए मालदीव का बहिष्कार करने के उसकी अर्थव्यवस्था में काफी गिरावट आई है। देश में अर्थव्यवस्था में मंदी आने के बाद मालदीव की अकल ठिकाने आ गई है। अब मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भारत के बहिष्कार के आह्वान के प्रभाव पर चिंताएं व्यक्त की हैं। पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद इन दिनों भारत के दौरे पर हैं और उन्होंने मालदीव के लोगों की ओर से माफी मांगते हुए कहा कि कि भारतीय पर्यटकों के मालदीव का दौरा जारी रखना चाहिए।
भारत दौरे पर आए नशीद ने कहा कि बहिष्कार के प्रभाव से देश पर बुरा असर हुआ है। उन्होंने कहा कि मैं वास्तव में यहां भारत इसलिए आया हूं क्योंकि मैं इस बारे में बहुत चिंतित हूं। मैं इस बारे में कहना चाहता हूं कि मालदीव के लोगों को इस पूरे घटनाक्रम पर खेद है। हमें खेद है कि ऐसा हुआ। अब मालदीव के सभी लोग यह चाहते हैं कि भारतीय अपनी छुट्टियों पर मालदीव आएं और हमारे आतिथ्य में कोई बदलाव नहीं होगा।’
डोर्नियर उड़ान और हेलीकॉप्टरों पर हाल की चर्चाओं के बारे में नशीद ने कहा कि मैं मालदीव के वर्तमान राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से ऐसी बातचीत बंद करने का आग्रह करता हूं। नशीद ने कहा कि बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि राष्ट्रपति मुइज्जू ने इस सब मुद्दों पर चर्चा की। नशीद ने कहा कि दोनों देशों के संबंधित को सामान्य करने के लिए मैं मोहम्मद मुइज्जू को फोन करूंगा कि कृपया डोर्नियर उड़ान और हेलीकॉप्टरों पर इन चर्चाओं को रोकें।
मालदीव और चीन के बीच हाल ही में हस्ताक्षरित रक्षा समझौते पर नशीद ने सफाई देते हुए कहा कि मुझे नहीं लगता कि यह एक रक्षा समझौता है। मुझे यह लगता है कि मुइज्जू सरकार कुछ उपकरण खरीदना चाहती थी। खासतौर पर रबर की गोलियां और आंसू गैस। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुइज्जू सरकार ने सोचा कि आंसू गैस और रबर की गोलियों की आवश्यकता है। सरकार बंदूक से नहीं चलती।