भोपाल। विदेश से चंदा लेने वाले एनजीओ पर निगरानी की कार्ययोजना दो साल बाद भी नहीं बना पाया है। दरअसल तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनवरी 2022 में गृह विभाग की समीक्षा बैठक में निर्देश दिए थे कि दूसरे देशों से अनुदान वाले गैर सरकारी संगठनों की निगरानी तथा विनियमन सजगता के साथ करें।
बाद में इसमें गृह विभाग ने की गई कार्यवाही का अपडेट दिया कि पुलिस मुख्यालय की विशेष शाखा द्वारा इसके लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है, लेकिन इसको अब तक अमल में नहीं लाया गया है।
बाल आयोग ने भोपाल में संचालित आंचल ईसाई मिशनरी संस्था द्वारा संचालित चिल्ड्रन होम से 26 बच्चियां गायब होने के मामले की गड़बड़ी पकड़ी थी। जनवरी 2024 में भोपाल में आंचल ईसाई मिशनरी संस्था द्वारा संचालित चिल्ड्रन होम से बच्चियां गायब होने के मामले में पुलिस ने एफआइआर दर्ज की है।
जांच में पाया गया कि इस एनजीओ के संचालक अनिल मैथ्यू ने सरकारी प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हुए जो बच्चे सड़कों से रेस्क्यू किए गए उनको अपने हास्टल में रखा। लेकिन उन्होंने इसके लिए सरकार को सूचना तक नहीं दी थी।
इसके अलावा वे बच्चियों से ईसाई धार्मिक प्रैक्टिस करवा रहे थे। संस्था को जर्मनी से फंड मिलता था। यदि समय रहते विदेशी फंडिंग की निगरानी का तंत्र विकसित कर लिया जाता तो यह गड़बड़ी पहले ही सामने आ जाती।