बृजभूषण शरण सिंह के ‘दबदबे’ पर केंद्र सरकार का हंटर, नए कुश्ती संघ की मान्यता रद्द, संजय सिंह को किया सस्पेंड…
विगत दिनों हुए चुनाव के बाद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी माने जाने वाले संजय सिंह को भारतीय कुश्ती संघ का अध्यक्ष चुना गया था।
कई पहलवानों ने इसका विरोध किया था और खिलाड़ियों मे साक्षी मलिक ने इसके बाद कुश्ती से संन्यास ले लिया था।
नई दिल्ली.. विशेष संवाददाता
24/दिसंबर /2023
नए पहलवानों और बृजभूषण शरण सिंह को लेकर चल रहे लंबे विवाद के बीच भारत सरकार के खेल मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने वफी (wrestling federation of India ) की नई बॉडी को सस्पेंड कर दिया है। जिसके बाद भारतीय कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष संजय सिंह और उनकी पूरी टीम भी सस्पेंड कर दी गई है। खेल मंत्रालय ने यह बड़ा फैसला ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक के संन्यास लेने और बजरंग पुनिया का पद्मश्री सम्मान वापस लेने के बाद उठाया है।
मंत्रालय ने कुश्ती संघ के आगामी सभी कार्यकर्मों को भी रद्द किया…
इसके साथ ही खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ के आगामी सभी कार्यकर्मों को भी रद्द कर दिया है। खेल मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा है कि नए संघ ने नियमों के खिलाफ जाकर आगामी टूर्नामेंट और कार्यक्रमों का ऐलान किया था। जिसमें अंडर-15 और अंडर-20 के नेशनल नंदिनी नगर गोंडा में कराए जाने का फैसला लिया गया था। साक्षी मलिक समेत कई महिला पहलवानों ने इस पर सवाल खड़े किए थे। खेल मंत्रालय ने आदेश में कहा है कि कुश्ती संघ में अब अगले आदेशों तक कोई भी फैसला नहीं ले सकेगा।
राजनैतिक मामलों के विशेषज्ञ और केसरिया न्यूज़ के फाउंडर, पत्रकार ‘शैलेन्द्र मिश्रा शैली ने कहा’ ..ब्रजभूषण शरण सिंह मामले मे केंद्र की भाजपा सरकार की पहले ही काफी किरकिरी हो चुकी है ऐसे मे जब लोकसभा चुनाव 2024 काफी नज़दीक हैँ तब अंतराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों का इस प्रकार का विरोध कहीं विपक्षी दलों के लिए फायदेमंद ना साबित हो! इसलिए केंद्र की भाजपा सरकार ने ये कड़ा फैसला लिया है।
एक सूत्र का तो तो ये भी कहना है की जल्द ही इन नाराज़ खिलाड़ियों को प्रधानमंत्री या अन्य किसी भाजपा के वरिष्ट नेताओं से मिलवाया जा सकता है! यानि इनके बीच बैठक और वार्ता का एक नया दौर भी शुरु किया जा सकता है.. क्यूंकि सर्वज्ञात है नाराज़ खिलाड़ि लंबे वक्त से कांग्रेस नेत्री प्रियंका गाँधी वाड्रा के संपर्क मे हैँ और हरयाणा बेल्ट मे इनके (खिलाडियों ) समर्थको की भारी तादाद है।