भोपाल | आज गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार दूसरे दिन मध्य प्रदेश के दौरे पर रहे। प्रधानमंत्री की मध्य प्रदेश में बढ़ती सक्रियता पर कांग्रेस नेता जय राम रमेश ने उनसे तीखे सवाल पूछे हैं। उन्होंने पूछा कि मुरैना में सेना भर्ती को लेकर भाजपा के बड़े-बड़े वादों का क्या हुआ? मध्य प्रदेश के गांवों में अभी भी पानी और स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव क्यों है? मुरैना भारत की बिजली चोरी की राजधानी क्यों बन गई है?
मोदी सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक स्वच्छ भारत मिशन ने मध्य प्रदेश के ग्रामीण हिस्सों, विशेष रूप से आदिवासी बस्तियों में नाकाम रहा है। 2020 की एक रिपोर्ट के अनुसार, 4.5 लाख शौचालय गायब पाए गए, और बजट से 540 करोड़ रुपए सरकारी अधिकारियों द्वारा निकाल लिए गए थे। जबकि जल और स्वच्छता विभाग का दावा है कि जिन 99.6% घरों में शौचालय की सुविधा थी, उनके पास बहते पानी की भी सुविधा थी, लेकिन जमीनी हकीकत बिलकुल अलग तस्वीर पेश करती है। शौचालय बिना सेप्टिक गड्ढों के बनाए गए हैं, और कई गांवों में पानी की कमी शौचालय के नियमित उपयोग में एक बड़ी बाधा रही है। क्या स्वच्छ भारत और हर घर जल के बड़े-बड़े वादे भी सिर्फ जुमले थे?
मुरैना जिले को देश का एकमात्र ऐसा जिला होने का नकारात्मक गौरव प्राप्त है जहां विशेष प्रकार के बिजली के तारों और बिजली के हीटरों पर धारा 144 लागू की गई है। कलेक्टर कार्यालय को यह कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि बेरोज़गारी और महंगाई से झूझतें लोग इन तारों और हीटर के हिस्सों से अवैध बिजली प्राप्त करने के लिए मजबूर हैं। अब लगभग दो दशकों तक सत्ता में रहने के बाद, भाजपा मुरैना के लोगों को वैध बिजली कनेक्शन प्रदान करने में असमर्थ क्यों है?