नई दिल्ली। आगामी 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग होने जा रही है। इस बार के चुनाव में खास बात यह है कि जो लोग बेघर हैं, वो भी मतदान कर पाएंगे। बेघर से आशय ऐसे लोग हैं जिनके पास रहने का स्थायी आवास या पहचान के लिए प्रमाण-पत्र नहीं है। ये लोग विवशता में सड़क के नीचे किनारे पर फुटपाथ पर, फ्लाई ओवर के नीचे रैन बसेरे में रहने को मजबूर हैं।
इन बेघर लोगों को भी वोटिंग का अधिकार मिलेगा। दिल्ली में ऐसे बेघर मतदाताओं का सर्वे कराया गया है। साथ ही इन लोगों का रजिस्ट्रेशन कर वोटर आईडी बनाया गया है। इस प्रकार से लोकतंत्र के पर्व में ये बेघर लोग भी वोट देंगे और उनका भी योगदान सुनिश्चित किया जाएगा।
साथ ही चुनाव आयोग की तरफ से भी इन्हें वोटिंग के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय का कहना है कि मतदान प्रत्येक नागरिक का अधिकार है। कोई भी इससे वंचित नहीं हो सकता। इसके चलते ही बेघर लोग भी वोट डाल सकेंगे।
पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार इन बेघर मतदाताओं की संख्या 30 प्रतिशत बढ़ी है। गत चुनाव में इन बेघर मतदाताओं की संख्या 8 हजार थी। इससे पहले वर्ष 2014 के चुनाव में दिल्ली में 7 हजार 032 बेघर मतदाता थे। अब इनकी संख्या बढ़कर 10 हजार 415 हो गई है। 2019 के चुनाव की तुलना में 2400 बेघर मतदाता बढ़े हैं।






