कीटनाशक का मकड़जाल किसान परेशान, अत्याधिक कीटनाशक(जहर) से तैयार होती है मूंग !
15/अप्रेल/2023
आलोक हरदेनिया…
पिपरिया(नर्मदापुरम) – किसान खेती farming को लाभ का धंधा बनाने के लिये लगातार खेतो में मेहनत करते हुए देखा जा सकता है।गेहूं की फसल सभी किसानों की कट चुकी है। गेहूं की फसल कटते ही किसान तीसरी फसल के लिए अब ग्रीष्मकालीन मूंग की बोवनी करने में लग गया है। इस बार एक अनुमान के मुताबिक 2 लाख 95 हजार हेक्टेयर में मूंग बोवनी की संभावना है। सरकार ने भी किसानों की सुविधा के लिए तवा डेम से नहरों में पानी छोड़ दिया है। जिससे किसान समय पर मूंग की फसल को पानी दे सके। जिन किसानों को नहरों का लाभ नही मिलता है, वह टयूबवेल का उपयोग करके सिंचाई करते है। लेकिन क्या आपको पता है कि किसान मूंग की फसल तैयार करने के लिए अत्याधिक कीटनाशक का इस्तेमाल अपनी फसलों पर करता है जिससे मूंग की फसल जहरीली हो रही है!
निश्चित समयावधि में कीटनाशक दवाओं से कीटो को मारने का दावा !
विकासखण्ड के एक किसान ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कुछ ऐसे कीटनाशक दवा विक्रेता है जो एक निर्धारित समयावधि के अंदर बड़ी से बड़ी इल्ली मारने का दावा करके दवा बेंचते है। कुछ ऐसे दवा विक्रेता भी जो स्वयं के द्वारा तैयार की गई , कीटनाशक दवा को बेंचते है। वही दूसरी और किसान इल्ली कीटो से अपनी फसल को बचाने के लिए इन दवा विक्रेताओं की बातों पर विश्वास करते हुए दवाई खरीदकर फसलों पर स्प्रे करता है। बीते समय मे ऐसे ही दावों के चलते एक किसान की फसल भी सुख चुकी है।
मूंग की बोवनी से लेकर कटाई तक होता है कीटनाशक का अत्याधिक उपयोग..
किसान मूंग की फसल बोवनी करते समय उसमे फंगी साईट दवा का उपयोग करके बोवनी करता है । फिर उसके बाद कचरे को मारने वाली दवा का उपयोग करता है। फिर बात आती है। मूंग की फसल को इल्ली से बचाने की फिर किसान 12 से 15 दिनों के अंतर से लगातार कीटनाशक दवाओं के 3 स्प्रे करता है। मूंग की फसल अब तैयार है इंतजार तो बस मूंग की फसल के सूखने का,और साथ प्री मॉनसून कभी भी आ जाता है। इसलिये किसान इंतजार नही कर सकता और फिर वह कीटनाशक दवा विक्रेता की दुकान पर जाकर मूंग की फसल को सुखाने की दवा खरीदकर , स्प्रे कर कटाई प्रारंभ करता है, फसल को सुखाने की दवाई इतनी तेजी से काम करती है कि फसल 48 घंटो के पहले ही सुख जाती है। दवाई डालकर सुखाई गई मूंग का भूसा किसान अपने जानवरो को खाने के लिए भी नही देते है, और न ही जानवर इस भूसे को खाते है।
मानव शरीर पर प्रभाव / दुष्प्रभाव…
नगर की चिकित्सक डॉ. श्रीमती निष्ठा नागर से जब हमने पूछा कि किसान अत्याधिक कीटनाशक का उपयोग करके मूंग की फसल तैयार कर रहा है, इसका मानव शरीर पर क्या असर पड़ता है । तो उन्होंने हमें बताया कि किसी भी फसल पर अत्याधिक कीटनाशक का उपयोग करना सही नही है, क्योकि यही अनाज जब हम खाते है तो इसका शरीर दुष्प्रभाव पड़ता है जिसके चलते शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो रही है। जिसके चलते कई सारी बीमारियां देखने को मिल रही है, पहले हम डॉ बीमार व्यक्ति को सुपाच्य भोजन के रूप में मूंग का उपयोग करने के लिए लिखते थे। लेकिन अब जब मूंग में कीटनाशक अत्याधिक उपयोग हो रहा है तो हम अब मूंग का उपयोग करने के लिए नही बोलते है। किसान भाईयो से हम आपके माध्यम से एक डॉक्टर होने के नाते अपील करती हूं कि अब आप लोग(किसान भाई) जैविक खेती अपनाते हुए क्वालिटी फसल का उत्पादन कीजिये जो कि स्वस्थ भारत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
कृषि विभाग भूमिका सवालों के घेरे में?
बीते वर्ष कृषि विभाग ने विकासखण्ड में कीटनाशक दवा विक्रेताओं से दवाओं के सैंपल लेकर प्रयोगशाला भेजने की बात कही थी, लेकिन कृषि विभाग के अधिकारियों से जब मीडिया द्वारा प्रयोगशाला रिपोर्ट दिखाने की बात की जाती है, तो वो कहते रिपोर्ट दिखाने की जरूरत नही हम कह रहे है दवा विक्रेता सही दवा बेंच रहे है। जबकि जांच रिपोर्ट को किसान हित मे कृषि विभाग को सार्वजनिक करना चाहिए, रिपोर्ट को जनता के सामने नही रखना कृषि विभाग की भूमिका पर सवाल खड़े करता है। बीते वर्षो में जैविक के नाम रासायनिक दवा बेचने की खबर आई थी। कृषि विभाग आखिर सेम्पलिंग की कार्यवाही कब करता है, और प्रयोगशाला रिपोर्ट कब किसानों के सामने रखता है या नही ये तो आने वाला समय बतायेगा।